सनातन धर्म के अनुसार भोजन के 3 प्रकार यानी गुण बताए गए हैं । इंसान अपने जरूरत के अनुसार भोजन करता है और कई परिस्थितियों के अनुसार।
फिर भी भोजन को लेकर काफी चर्चाएं होती रहती है लेकिन भारतीय सभ्यता के अनुसार हर क्षेत्र का अलग अलग भोजन करने का शौक है।
शास्त्र के अनुसार मुख्य रूप से 3 गुण के भोजन होते हैं।
1 सतोगुण
2 रजोगुण
3 तमोगुण
मनुष्य अपने जरूरत के अनुसार इन तीनों गुणों में जिस गुण की प्रधानता होती है वाह व्यक्ति गुण स्वरूप अपने भोजन का चयन करता है।
बहुत पहले से ही भारतीय समाज में मांसाहार भोजन प्रचलित है। परंतु शास्त्र के अनुसार मांसाहारी भोजन वर्जित किया गया है।
मनुस्मृति के अनुसार श्लोक 48 49 51 देखें
कहां गया है जीवो की हिंसा किए बिना मांस प्राप्त नहीं होता। और जो व्यक्ति स्वर्ग प्राप्त करना चाहते हैं या अपने जीवन में सुख शांति चाहते हैं तो मांसाहार भोजन का त्याग कर दें। मांसाहार भोजन को अति निंदनीय बताया गया है जिसमें किसी जीव का हिंसा करने में आदेश देने वाला खंड खंड करने वाला बेचने वाला खरीदने वाला और पकाने वाला और उसने वाला सभी को दोषी माना गया है।