स्ट्रीट लाइट के लिए स्वीकृत राशि लगभग 13 लाख रुपए और भिन्न भिन्न पंचायतों को विभिन्न तरह के राशि का भुगतान भी हुआ है।
करीब सभी पंचायत में स्ट्रीट लाइट का काम पूरा होने का दावा किया गया है।
जबकि स्ट्रीट लाइट के नाम पे बिजली के ही पोल पे डायरेक्ट एलटी वायर कट करके स्ट्रीट लाइट का वायर जोड़ा गया है। न ही सर्विस वायर लगाया गया, और न ही कोई पोल लगाया गया । मजे की बात तो ये है की स्ट्रीट लाइट में बिजली की कितनी खपत हो रही है, इसके मापन के लिए न ही कोई बिजली मीटर लगाया गया है। फिर तो ये कई लाखो का भुगतान कौन से काम में खर्च हो गए।
और विशेष बात तो ये है । बिजली विभाग के अधिकारियों को ये पता ही नही है । की स्ट्रीट लाइट उपयोग के लिए अपभोक्ता संख्या क्या है। और उसका भुगतान कैसे होगा, जबकि उनके द्वारा कोई बिजली मापक मीटर ही नहीं लगाया गया, या उपभोक्ता संख्या उपलब्ध कराई गई।
बिजली विभाग की राजस्व की हानी की बात करे - तो बरहरवा कला पूर्वी में ,एक वार्ड में 25 स्ट्रीट लाइट लगाया गया है। पंचायत में कुल 11 वार्ड है । तो 30❌11=330
एक स्ट्रीट लाइट 50 watt है।
50watt ❌330=16,500watt /HOUR (घंटा) के अनुसार 24 HOUR उपयोग किया जा रहा है। (जितने समय की सप्लाई चालू रहता है) के अनुसार / प्रति दिन कई वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। या चोरी किया जा रहा है।
अगर मूल्य का आकलन करे तो - मीटर सहित कनेक्शन में 7:40 रुपए /यूनिट ऊर्जा शुल्क व /माह 50 रुपए फिक्स चार्ज ।
2, मीटर रहित स्ट्रीट लाइट के लिए 375 रुपए/100watt स्ट्रीट लाइट के लिए बिजली विभाग चार्ज करती हैं।
16,500-100 =165❌375 =61875 / माह के अनुसार लगभग बिजली विभाग को राजस्व की हानी हो रही है।
जो कोटवा ब्लॉक के 16 पंचायतों की बात करे तो
अनुमानित 61875❌16=990,000 / माह लगभग।
जो खुलेआम हो रही चोरी पर बिजली विभाग के किसी भी अधिकारी को जानकारी नहीं या कोई ऐक्शन नहीं।
पर एक विकलांग , बे सहारा व कुष्ठ रोगी के बेटे पे बिजली विभाग ने , बिजली चोरी का एफआईआर दर्ज कराया।
जो लड़का अभी कुछ ही दिनों पहले जेल से बाहर आया था । तुरन्त विभाग ने उसे चोर साबित कर मुकदमा दर्ज कराया।
ऐसे कई और भी समस्याएं है जो बिजली विभाग को दोहरी भूमिका को प्रदर्शित करता है।
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कोटवा पॉवर ग्रिड क्षेत्र के एम्मापर डीटीआर जो वर्ष 2016 से कर्जरत है।
इस डीटीआर से लगभग 450 घरों को विद्युत आपूर्ति की जाती हैं।
मात्र 50-60 घरों को ही कोनक्शन या मीटर दिया गया।
जबकि लगभग 350 घरों को अभी तक न ही कोई वैध कनेक्शन दिया गया।
ईश डीटीआर में विद्युत उपयोग कर्ता ग्राम वासियों ने विद्युत कनेक्शन के लिए ऑफिस के कई चक्कर काटे । उनको कनेक्शन के लिए मोटे रकम की मांग की गई। हालाकि बीच में ट्रांसफर मर खराब होने पर उसे रिप्लेस किया गया है। लेकिन ग्रामीणों को वैध विद्युत कनेक्शन नहीं दिया गया।
बस चोरी का मामला दर्ज कर मुकदमा किया जायेगा । या फिर मोटे तौर पर रकम की उगाही की जाएगी।
ऐसे ही डीटीआर जसौली के बृति टोला में लगभग 70 घरों में बिजली कनेकशन नही दिया गया।
अगर इस छेत्र में बिजली राजस्व की हानी की बात करे तो लगभग 500watt / ghar ke अनुसार 350ghar❌500 watt=175,000 watts/hours का बिजली विभाग को राजस्व का नुक़सान हो रहा है।
अगर मूल्य की बात करे तो - 175,000watts/hours
/Units 4:27 rupay
जसौली बनकट डीटीआर के 70 घरों में बिजली विभाग ने कोई वैध कनेक्शन नहीं दिया है।
तो 70ghar ❌500watt =35,000watt /Hours
ट्रांसफार्मर में स्ट्टोर रीडिंग
के अनुसार विभाग को राजस्व की हानी हो रही है।
जिसपर विभाग के अधिकारी कुछ भी नहीं कर सकते।
उन्हें वैध कनेक्शन दे कर राजस्व की प्राप्ति तो नहीं करेंगे पर एफआईआर दर्ज कर , रकम की उगाही जरूर करना चाहेंगे।
आखिर इसमें आम आदमी क्या करें । बिजली की जरूरत तो सबको है। अगर आप परेशान जनता को और परेशान करेंगे तो व भी क्या करे। आम आदमी को परेशान कर के ही मुजरिम बनाया जाता है। व गाढ़ी कमाई को लुट लिया जाता है।