पूर्वी चम्पारण कोटवा में अधिकारी ही करवा रहे बिजली की चोरी।

पूर्वी चम्पारण कोटवा में बिजली विभाग के अधिकारी ही करवा रहे ,बिजली की चोरी। 
कोटवा प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतों में पंचायती राज विभाग ने लगभग कुल लागत रूपए तीन करोड एकतीश लाख अठासी हजार नौ सौ तेरेपन रूपए (3,31,88, 953) का स्ट्रीट लाइट लगाया, और बिजली विभाग को बिजली आपूर्ती संबंधित कंज्यूमर नम्बर/या कोई अन्य जानकारी का कुछ पता ही नही ।

  बिजली आपूर्ति सब सेक्शन कोटवा के जेई जनर्धन कुमार ने बताया हमे कोई जानकारी नहीं है। 
सूत्रों से मिली जानकारी केअनुसार आपको बता दू।

कोटवा प्रखण्ड के विभिन्न पंचायत में। पंचायती राज विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020/2021में कुल 3,31,88,953 रूपए। (3करोड़ एकतिश लाख अठासी हजार नौ सौ तेरेपन रूपए) का स्ट्रीट लाइट की आपूर्ति सभी पंचायत के सभी वार्डो में किया। 
जो की e gramswaraj gov.in पोर्टल पे ऑनलाइन है।
जबकी बिजली विभाग को स्ट्रीट लाइट का कंज्यूमर नम्बर ही नही पता है।

जेई कोटवा जनार्धन कुमार ने बताया।(फोन पे हुई बातचीत के अनुसार ) हमे ईश सम्बंध में कोई जानकारी प्राप्त नहीं है।
 तो सम्बन्धित स्ट्रीट लाइट के खपत ऊर्जा का भुगतान कैसे होता है, इसके सम्बंध में भी कोई जानकारी नही है।

जेई कोटवा जनर्धन कुमार से स्ट्रीट लाइट आपूर्ति से संबंधित उपभोक्ता संख्या की जानकारी और डायरेक्ट एलटी वायर में कट कर जोड़ी हुई स्ट्रीट लाइट से सम्बन्धित विवरण मांगी गई, जिसमे कोटवा जेई ने बताया हमे कोई जानकारी नहीं है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दू।

स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए विभागीय नियम के अनुसार किसी भी उपभोक्ता को बिजली विभाग को कनेक्शन के लिए अप्लाई करना होता है।
और विभाग मीटर इंस्टाल करती हैं, जिससे होने वाले बिजली खपत का निर्धारण किया जा सके।
और कंज्यूमर नम्बर अवेलेवल कराया जाता है। जिससे भुगतान बिजली विभाग को प्राप्त हो सके।
और विभाग द्वारा दिए गए दिशानिर्देश के अनुसार स्ट्रीट लाइट के लिए खंभा, वायर, आदि आवश्कता अनुसार लगाया जाता है।

परन्तु
यहां तो बिजली विभाग के अधिकारी को कुछ पता ही नही है। 

जबकि पंचायती राज विभाग ने 
3,31,88,953 रूपए का स्ट्रीट लाइट लगाया।
और बिजली विभाग ने कोई कनेक्शन दिया ही नही तो ये स्ट्रीट लाइट चलाए कैसे जा रहे हैं।और कोटवा जेई को कुछ पता ही नही है।
इसको चोरी नहीं तो और क्या कहते है, और आम जनता को तो इसके सम्बंध में कुछ पाता ही नही चलता है।

और मजे की बात बता दू ,

एलटी वायर में डेयरेक्ट कट कर के, बिजली के खंभे पर ही डायरेक्ट कनेक्शन किया गया है। जिससे खपत का कोइ निर्धरणन ही नही हो पायेगा।

पंचायत राज विभाग द्वारा कोटवा प्रखण्ड में स्ट्रीट लाइट में खर्च पंचायत वार:

अहिरौलिया _14,46,643 रूपए
बरहरवा कला पूर्वी _18,00, 000रूपए
बरहरवा कला पश्चिमी _6,77, 622रूपए
बथना _29,66, 903रूपए
भोपतपुर नॉर्थ _29,99, 720रूपए
भोपतपुर साउथ _13,00,001 रूपए
डुमरा _17,70, 000रूपए
गोपीछपरा _13,78, 295रूपए
जगीरहा _6,16, 351रूपए
जसौली _27,85, 917रूपए
जसौली पट्टी _30,80, 000रूपए
करारिया _18,00, 000रूपए
कोटवा _35,74, 994रूपए
मछरगवा _18,00, 000रूपए
महारानी भोपट _21,58, 868रूपए
पोखरा _30,33, 639रूपए
कुल रूपए=3,31,88, 953रूपए।

इतने रूपए के लागत खर्च से सभी पंचायत में स्ट्रीट लाइट लगा। 
और बिजली कनेक्शन का कोई अता पता ही नहीं है। कंज्यूमर नम्बर ही नही है।
तो ये सभी स्ट्रीट लाइट कैसे काम कर रहे हैं।
या ये कहे की विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से विधुत विभाग को छती पहुचाई जा रही है।
या
ऐसे बिजली खपत को सम्बन्धित एरिया के आम जानता से राजस्व की वसूली की जाति है।

अगर नही?

तो सम्बन्धित बिजली की खपत का भुगतान कौन और कैसे करता है।

अगर चोरी माना जाय तो 
अनुमानित विद्युत चोरी की विवरणी:

प्रति वार्ड/20 लाइट
प्रति 1स्ट्रीट लाइट/50वाट
प्रति पंचायत वार्डो की संख्या अनुमानित 12वार्ड 
कोटवा प्रखण्ड में पंचायत की संख्या/16

स्ट्रीट लाइट वाट में ✖️ वार्डो की संख्या =_=पंचायत


50❌20❌12=_=12,000 वाट/पंचायत

12, 000वाट ❌16=_=1,92, 000वाट

स्ट्रीट लाइट के लिए बिजली विभाग प्रति 100वाट के लिए 375रूपए मीटर रहित चार्ज करती हैं।
ईश लिए
1,92,000➗100=_=1920
1920❌375=_=7,20,000 रूपएकी अनुमानित चोरी।
7,20, 000प्रति माह 
7,20,000❌24 माह =_=1,72,80,000 अनुमानित
यानी अभितक एक करोड बहत्तर लाख अशी हजार रुपए की अनुमानित चोरी मानी जा सकती है।

ये सिर्फ और सिर्फ अनुमान है,  
पंचायत में किसी में वार्डों की संख्या कम और ज्यादा हो सकती है।

फिर भी बिजली विभाग के अधिकारी को ये सब नहीं दिखाई पड़ता।।
जब कमजोर गरीब आम किसान पे चोरी की प्राथमिकता दर्ज कर जुर्माना उसूली की जा सकती है, तो खुलेआम हो रही चोरी पे क्यू नही।
या इन सभी के लिए कोई और कारण है ये अभीतक पता नहीं चला है।
ये भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या हो सकता है।

Arjun Rai

Journalist - Arjun Rai - kotwa East Champaran Bihar India.(Information services activities in East Champaran Bihar India)

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