कोटवा में मनरेगा में भारी गड़बड़ी की आशंका,पीओ पर मनमाने तरीके से 42 लाख भुगतान का आरोप।

 कोटवा में मनरेगा में भारी गड़बड़ी की आशंका,पीओ पर मनमाने तरीके से 42 लाख भुगतान का आरोप।


शिकायत पर जिला के वरीय अधिकारियों की शिथिलता पर उठ रहे सवाल।

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कोटवा पूर्वी चम्पारण:- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रमीण रोजगार एक्ट प्रखंड क्षेत्र में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने की आशंका है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के अकुशल ग्रमीण मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से लाया गया । परंतु योजना पंचायत प्रतिनिधियों,पीओ और रोजगार सेवक के लिए कामधेनु से कम नही है। इसका जीता जागता नमूना कोटवा के डुमरा पंचायत में देखने को मिला।  डुमरा पंचायत में बिना काम किए फर्जी मजदूरों के खाते में 42 लाख रुपये की राशि भेज बंदरबांट कर लीजाने की आशंका है। और ओभी बिना आवश्यक प्रक्रिया अपनाए, इस बार पीओ की लॉगिंग से इस बड़े धोटाले को अंजाम दिए जाने कीआशंका है। मामले की शिकायत के बाद भी जिला के वरीय अधिकारियों की शिथिलता कई सवाल खड़े कर रहे हैं। हैरानी की बात है कि इस बार यह शिकायत आम आदमी नही बल्कि खुद एक रोजगार सेवक ने किया है। मामले में डुमरा पंचायत के रोजगार सेवक रूपेश कुमार ने डुमरा मुखिया पर योजना में बिना काम किये मजदूरों की हाजरी बनाने का दबाव बनाने, मना करने पर गली गलौज करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए उप विकास आयुक्त को दिए अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि मेरे द्वारा गलत हाजिरी बनाने से मना करने के बाद मुखिया द्वारा गली गलौज किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। बाद में मुखिया और पीओ राजेश कुमार द्वारा बिना अग्रीमेंट के जिओ टैग तथा प्रत्येक दिन एनएमएमएस किया जा रहा है। किसी योजना पर सही मजदूर काम नही कर रहा है। फर्जी लोगों को बुला कर तस्वीर अपलोड किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त शिकायत के बाद भी मनरेगा पीओ द्वारा अपने स्तर से 41 लाख 72 मजदूरों के खाता में भेजा गया है। अब सवाल उठता है कि आखिर यह जल्दीबाजी क्यों कि गई। क्या जिन खातों में पैसे भेजे गए वे वास्तव में मजदूर हैं ? कार्य स्थल पर जो फोटो अपलोड हुए, वे कौन है ? क्या खाता उस मजदूर का है जिसने काम किया ? बहुत सारे सवाल है और उत्तर सिर्फ पदाधिकारियों के पास है। शिकायत के 10 माह बाद भी डुमरा सहित अन्य पंचायतों में निर्बाध रूप से यह खेल जारी है। इनकी अगर ईमानदारी से जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। डीडीसी समीर सौरभ ने बताया कि अगर ऐसा है तो यह कफी गंभीर मामला है, इसकी जांच कराई जाएगी और करवाई किया जायेगा।

Arjun Rai

Journalist - Arjun Rai - kotwa East Champaran Bihar India.(Information services activities in East Champaran Bihar India)

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