बिलकुल! नीचे "लोकल पब्लिक न्यूज़" पोर्टल के 'चंपारण आसपास' पेज के लिए एक आर्टिकल ड्राफ्ट दिया गया है, जो स्थानीयता, इतिहास और जमीनी जुड़ाव को सामने लाता है:
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चंपारण आसपास: जहां हर खबर आपकी होती है
चंपारण सिर्फ एक ज़िला नहीं, यह एक सोच है—संघर्ष, बदलाव और उम्मीद की सोच। यहीं से महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की शुरुआत की थी, और आज भी यह धरती सामाजिक बदलाव की मिसाल बनी हुई है। लोकल पब्लिक न्यूज़ के 'चंपारण आसपास' पेज का मकसद है इसी ऐतिहासिक और समर्पित ज़मीन की हर धड़कन को आपके सामने लाना।
हम दिखाते हैं वो खबरें जो आपके आसपास होती हैं, लेकिन अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाती हैं:
गाँव-गली की असली आवाज़: चाहे बेतिया हो या नरकटियागंज, हर गाँव की समस्या और समाधान की कहानी।
स्थानीय प्रशासन और जन-चेतना: योजनाओं का ज़मीनी सच, पंचायत से लेकर जिला प्रशासन तक की हलचल।
कृषि और रोज़गार: गन्ना, धान और मक्का की खेती, किसान आंदोलन, मंडी के हालात, और स्वरोज़गार की नई पहलें।
शिक्षा और युवा शक्ति: सरकारी स्कूलों की स्थिति, कोचिंग संस्थानों की भूमिका और युवाओं की तैयारी की सच्चाई।
संस्कृति और समाज: लोकगीत, पर्व-त्योहार और चंपारण की खास परंपराएं जो इसे बाकी इलाकों से अलग बनाती हैं।
हमारा मानना है कि जब तक स्थानीय लोगों की बातें, तकलीफ़ें और ताकतें नहीं सुनी जाएंगी, तब तक असली बदलाव नहीं आ सकता। चंपारण आसपास पेज आपकी आवाज़ को मंच देता है—बिलकुल आपके अंदाज़ में, आपकी ज़ुबान में।
क्योंकि असली खबर वहीं से आती है, जहाँ लोग रहते हैं। और हम वहीं से जुड़ते हैं—आपके चंपारण से।
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चंपारण आसपास: ज़मीनी हकीकत, आपके अपने इलाकों से ।
चंपारण की धरती सिर्फ इतिहास की गवाह नहीं, बल्कि वर्तमान में भी बदलाव और चेतना की मिसाल है। यहीं से महात्मा गांधी ने 1917 में नील आंदोलन के खिलाफ आवाज़ उठाई थी, और आज भी यहां की मिट्टी में संघर्ष और उम्मीद की खुशबू है। लोकल पब्लिक न्यूज़ के 'चंपारण आसपास' पेज का उद्देश्य है कि हम पूर्वी और पश्चिमी चंपारण की हर वह खबर आप तक पहुँचाएं, जो आपकी ज़िंदगी से जुड़ी है।
पूर्वी चंपारण: बदलाव की राह पर बढ़ता जिला
पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बेहद खास है। यहीं से गांधीजी ने सत्याग्रह की शुरुआत की थी।
प्रमुख कस्बे:
मोतिहारी – शिक्षा और प्रशासन का केंद्र
चकिया – कृषि और व्यापार का उभरता केंद्र
अरेराज – धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का शहर
केसरिया – एशिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप यहीं स्थित है
प्रमुख शख्सियतें:
डॉ. राजेंद्र प्रसाद (भारत के पहले राष्ट्रपति) – मोतिहारी से जुड़ाव
गांधीजी – यहीं से नील आंदोलन की शुरुआत
रामधारी सिंह 'दिनकर' – कवि और चिंतक, जिनकी जड़ें इसी मिट्टी से जुड़ी हैं
पश्चिमी चंपारण: प्रकृति और संघर्ष की ज़मीन
पश्चिमी चंपारण का मुख्यालय बेतिया ऐतिहासिक रियासतों और समाज सुधार आंदोलनों का केंद्र रहा है।
प्रमुख कस्बे:
बेतिया – शिक्षा, संस्कृति और व्यापार का हब
नरकटियागंज – रेलवे और व्यवसायिक रूप से महत्वपूर्ण
रामनगर – उद्योग और हरित क्षेत्र में उभरता कस्बा
लौरिया – अशोक स्तंभ और पुरातात्विक महत्व से समृद्ध
प्रमुख शख्सियतें:
ध्रुव नारायण सिंह – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
अर्जुन पासवान – समाजसेवी और राजनीतिक कार्यकर्ता
राजेश सिंह 'राजू' – ग्रामीण पत्रकारिता में सक्रिय आवाज़
हम क्या लाते हैं आपके लिए?
पंचायत स्तर की खबरें, सीधे आपके गाँव-टोले से
किसान, शिक्षक, छात्र, दुकानदार—हर तबके की बात
स्थानीय नेताओं और अफसरों की जवाबदेही पर खास रिपोर्ट
स्कूल, अस्पताल, सड़कों और योजनाओं की असल स्थिति
सांस्कृतिक आयोजन, मेले और त्योहारों की लाइव कवरेज
'चंपारण आसपास' सिर्फ खबर नहीं देता, बल्कि वह आवाज़ बनता है उन लोगों की जो बदलाव लाने की ताकत रखते हैं, बस उन्हें एक मंच की ज़रूरत होती है। और वो मंच है – लोकल पब्लिक न्यूज़।