चंपारण सत्याग्रह की जागृत धरती जसौली पटी में याद किये गए लोमराजबाबू।

 चंपारण सत्याग्रह की जागृत धरती जसौली पटी में याद किये गए लोमराजबाबू।

लोगो 


मोतिहारी।


चंपारण सत्याग्रह आंदोलन के पुरोधा किसानों के सर्वमान्य नेता बाबू लोमराज सिंह की पुण्यतिथि उनके गाव जसौली पट्टी में मनाई गई। 

श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे ग्रामीण 


कोटवा थाना क्षेत्र स्थित युक्त गाव के लोग बड़ी शिद्दत के साथ लोमराज बाबू की ओरतिमा पर फूल माला अर्पित कर उन्हें याद किये। हमारे लिए खड़े थे, जो अपने लिए नहीं किसानों के लिए लड़े थे।

 इस मौके पर जिला सर्वोदय मंडल के मंत्री विनय कुमार ने कहा कि उन्होंने कहा कि उन्होंने चंपारण के किसानों के हक के लिए किसानों को संगठित कर अनावश्यक लगान के खिलाफ लड़ाई लडी ।

 जिसका साक्षि गांधीजी की चंपारण यात्रा है। इतिहास गवाह है गांधीजी जब चंपारण आए उसके बाद अपनी पहली यात्रा 16 अप्रैल 1917 को बाबू लोमराज सिंह के गांव जसौली पट्टी के लिए की थी। गाँधी जी की पहल पर यहीं पीड़ित - प्रताड़ित किसानों का पहला बयान दर्ज हुआ था। गांधी जी की जसौली पट्टी की यात्रा के स्मरण में स्थानीय लोग चंपारण सत्याग्रह स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं। 

बाबू लोमराज सिंह की पुण्य तिथि पर कोटवा प्रखंड प्रमुख पति सुनील दास, राजन कुमार सिंह, बबलू सिंह, रंजन कुमार, अभिनव कुमार,राजीव रंजन,अंकुर कश्यप, आर्यन कश्यप,दिलीप ठाकुर, रामप्रवेश सिंह, भास्कर कुमार ,अवधेश दास कमलेश कुमार,उज्ज्वल कुमार, मांचन राउत के साथ दर्जनों ग्रामीणो ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।


प्रभात रंजन की रिपोर्ट।

Arjun Rai

Journalist - Arjun Rai - kotwa East Champaran Bihar India.(Information services activities in East Champaran Bihar India)

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