प्रशासनिक वाहनों की क्यू नहीं होती जांच, क्या जांच के दायरे में नहीं आते सरकारी वाहन आमजनों ने उठाए सवाल?

 प्रशासनिक वाहनों की क्यू नहीं होती जांच, क्या जांच के दायरे में नहीं आते सरकारी वाहन आमजनों ने उठाए सवाल?

प्रशासन की वाहन/लोकल पब्लिक न्यूज़।

बिहार/पूर्वी चम्पारण/मोतिहारी: शहर में वाहन चालकों के बीच भय का माहौल बना हुआ है, जहां पुलिस द्वारा किसी भी समय सड़क पर रोककर चालान काटा जा सकता है। यदि आप अपने वाहन से सड़क पर चल रहे हैं, तो फिटनेस, इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन और प्रदूषण प्रमाणपत्र समेत सभी दस्तावेज पूरे होने चाहिए, अन्यथा किसी भी मोड़ पर आपको रोका जा सकता है और चालान भरना पड़ेगा। 


हालांकि, आमजनों की गलती या खामी के कारण चालान कटने पर किसी को शिकायत नहीं है, लेकिन एक सवाल उठ रहे है—क्यों केवल आम जनता का ही चालान काटा जा रहे हैं? प्रशासनिक वाहन क्या जांच के दायरे में क्यों नहीं आते? क्या बिहार सरकार प्रशासन की वाहन जांच के दायरे से बाहर है? 


कोटवा अंचलाधिकारी द्वारा उपयोग में लाई जा रही वाहन (BR 05 - 6405) का इंश्योरेंस वर्ष 2013 में समाप्त हो चुका है, जबकि प्रखंड विकास पदाधिकारी की गाड़ी (BR 05P-2512) का रिकॉर्ड ही परिवहन विभाग के पोर्टल पर मौजूद नहीं है। यदि जिले के सभी प्रशासनिक वाहनों की जांच की जाए, तो कई ऐसे वाहन मिलेंगे जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। 


पुलिस सूत्रों के अनुसार, थाना परिसर में मौजूद वाहनों की स्थिति भी चिंताजनक है। पुलिस मित्र ने बताया कि रात की गश्त के दौरान खराब हालत वाले वाहनों के कारण उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, ड्यूटी निभानी ही पड़ती है। 


आमजन का एक और सवाल है—क्या बिहार सरकार के पास इन समस्याओं को ठीक करने के लिए पर्याप्त बजट नहीं है? अगर है, तो इन वाहनों की मरम्मत या बदलाव में देरी क्यों हो रही है?


Arjun Rai

Journalist - Arjun Rai - kotwa East Champaran Bihar India.(Information services activities in East Champaran Bihar India)

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